DETAILED NOTES ON SHIV CHALISA LYRICS

Detailed Notes on Shiv Chalisa lyrics

Detailed Notes on Shiv Chalisa lyrics

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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

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धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥

तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। website कानन कुण्डल नागफनी के॥

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।

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